Dasha

बाबा साहेब ने धर्म की स्वतंत्रता संविधान में दी है,गरीबी यानि आर्थिक कमी,हमे अपने अंदर के मनुवाद को भी को भी टटोलना है,हमारे रघो में जम चूका है,मनुवाद की परंपरा,रीतिरिवाज,जन्म से मौत तक,अन्धविश्वास,पाखंड,कुरीतिया,कुप्रथा,दुर्व्यसन,कुव्यसन,नशा शराब,अफीम,बीड़ी,सिगरेट,गुटका,गांजा,आदि,फिर जीवन जीने के संस्कार,फिर तामसिक खान पान,ने हमे अंदर ही अंदर,खोखला कर लिया है,फिर समाज के मुखियाओं की जुगल बंधी, समाज को इतना उलझा रखा की कोई आवाज न उठा सके।
हमे इन मुद्दों से ऊपर आकार शिक्षा पर,संस्कार पर, खानपान,रहन सहन को मजबूत करते संघठित हो होगा। फिर संघर्ष से अमान्वता के मुद्दों के साथ संघर्ष हो ।
जय भीम🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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